शादी के 7 वचन और उनके अर्थ
AAA शादी के 7 वचन और उनके अर्थ
पहला वचन
पहले फेरे में दुल्हन आगे चलती है और अपने होने वाले जीवनसाथी से ये वचन मांगती है कि जब भी आप जीवन में कोई तीर्थयात्रा, हवन, पूजा या अन्य कोई धार्मिक कार्य करेंगे तो आप मुझे अपने साथ रखेंगे, यदि आप सहमत है तो मै आपकी जीवनसंगिनी बनना स्वीकार करती हूँ...
दूसरा वचन AAA
दूल्हे से दूसरा वचन दुल्हन लेती है कि मैं जिस तरह से अपने माता-पिता का सम्मान करती आयी हूँ, उसी तरह से आपके माता-पिता और परिजनो का सम्मान करूंगी, और मेरी ही तरह आप भी मेरे माता-पिता सम्मान करेंगे और घर-परिवार को अपना मानेंगे, यदि आप सहमत है तो में आपकी जीवनसंगिनी बनना स्वीकार करती
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तीसरा वचन
तीसरे फेरे में दुल्हन दूल्हे से ये वचन लेती है कि मैं जीवन के तीनों अवस्थाओ (युवावस्था, प्रौढावस्था और वृद्धावस्था) में आपका साथ निभाऊंगी, अगर आप भी मुझे ऐसा वचन देते है तो मैं आपकी जीवन-संगिनी बनना स्वीकार करती हूँ..
.चौथा वचन AAA
चौथे वचन में दूल्हा आगे आता है, इसके बाद दुल्हन पति से वचन मांगते हुए कहती है कि अब तक आप घर-परिवार की चिंता से मुक्त थे। विवाह के बाद परिवार की जरूरतों को पूरा करने का दायित्व आप पर होगा, अगर आप इसे निभाने को तैयार है, तो मैं आपकी जीवनसंगिनी बनना स्वीकार करती हूँ... पांचवा वचन AAA
पांचवे वचन में कन्या अपने अधिकारों की बात करते हुए दूल्हे से क्चन मांगती है कि घर के कार्यों में विवाह आदि, लेन-देन और किसी अन्य चीज पर खर्चा करते समय अगर आप मेरी भी राय लिया करेंगे तो मैं आपकी जीवनसंगिनी बनना स्वीकार करती...
छठा वचन AAA
शादी के छठे फेरे में दुल्हन दूल्हे से ये वचन मांगती है कि अगर मैं अपनी सखियों, परिवार या अन्य लोगो के बीच बैठी हूँ, तो आप कभी भी मेरा सामाजिक रूप से अपमान नहीं करेंगे साथ ही जुआ आदि किसी भी बुरी आदतो में नहीं फंसेगे अगर आप मुझे ये वचन दे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूँ... AAA
सातवा वचन
शादी के आखिरी यानी सातवें फेरे में दुल्हन कहती है कि आप पति-पत्नी के आपसी प्रेम का भागीदार किसी अन्य को नही बनाएंगें और अन्य स्त्रियों को माता व बहन की भांति सम्मान जनक दृष्टि से देखेंगे, अगर आप ये वचन दे तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करूंगी... AAA
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